समझदारी

समझदारी

जो भी चीज़ आपको परेशान
करती है ,वास्तव में वह
आपकी है ही नहीं ऐसी वस्तु
का त्याग कर देना
ही समझदारी है |

Bk Shivani

मनुष्य

मनुष्य

केवल वही मनुष्य सब की,
उपेक्षा उत्तम रूप से करता है ,
जो पूर्णतया निस्वार्थ है ,
जिसे ना धन का लालच ,
ना कीर्ति का और ना ,
अन्य किसी वस्तु का है ।

Swami Vivekanand

लगातार चिंतन

लगातार चिंतन

व्यक्ति जो चाहे बन सकता है ,
यदी वह विश्वास के साथ ,
इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे I
Shrimad Bhagwad Gita